श्री राम, कृष्ण ,बुद्ध ,महावीर और महावीर के देश में आज गोहत्या, मद्यपान तथा नशाखोरी की प्रवृति अबाध गति से बढ़ती जा रही है और इसी में लोग गौरव का अनुभव कर रहे है। इन पतनोन्युख़ कर्मो के कारण आज देश कहाँ जा रहा है । काश देश वासी वेदो की संस्कृति के कुछ अंश भी ग्रहण पाते !
RAMA KANT SINGHAL
Sunday 26 October 2014
Wednesday 15 October 2014
Sunday 12 October 2014
"चरित्र निर्माण जिससे नहीं हो सकता वह शिक्षा नहीं हो सकती। चरित्र मानव जीवन की मुकुटमणि की आधारशिला है। चरित्रवान नागरिक ही राष्ट्रिय एकता की सुरक्षा एवं शक्ति की स्थापना कर सकता है। आधुनिक शिक्षा में चरित्र निर्मार्त -तत्व धर्म का आभाव है। अस्तु , भारतीय शिक्षाविदों एवं देश के कर्णधारों को चाहिए कि देश की शिक्षा को चरित्र निर्मार्त -तत्व धर्म से युक्त करे। तभी देश की जनता चरित्रवान बनेगी और देश की अखण्डता की रक्षा एवं शक्ति की स्थापना में योगदान कर सकेगी। "
Sunday 4 May 2014
धरातल वास्तविकता पर अगर हम जाये तो भाजपा एवं अरविन्द केजरीवालजी की आम पार्टी का मुख्य उद्देश भार्ष्टाचार उन्मूलन एव एक स्वच्छ सरकार का देना है.. जबरदस्त आंदोलन के पश्चात लोगो का दिल जीत कर दिल्ली में आप की सरकार कांगेस के सहयोग से बनी व् गिरी। मिडिया में कहानिया आने लगी की आम के नेतागण -केजरीवाल जी के साथ सिसोदिाजी,योगेन्द्रजी व् अन्य सोनिया जी के सलाहकार समिति के थे। वकील प्रशांत भूषण नक्सलवादियो के मध्यस्थ करता हे। फोर्ड फाउंडेशन जो भारत में अलगाववाद फैलाने में व्यस्त था - उससे इन लोगो ने लम्बा ऋण लिया हुआ था। तर्क में ये कांगेस के दलाल तक कहे जाने लगे। आम पार्टी कांगेस की no २ . पार्टी। ईमानदारी के नाम पर एक बैईमानि का खेल।
१६ तारीख को भाजपा की सरकार बननी है। आप को भी अछ्छी सीटें मिल सकती हे। केजरीवाल जी के सामने एक लब्बी परीक्षा की घडी जनता के सामने आनेवाली है। केजरीवालजी को जैसा उनका बायोडेटा है उस हिसाब से अपना आचरण दिखाना होगा अन्यथा वे योग्य होते हुए भी दुराचारियो एव भ्रष्टाचारियों के द्वारा शोषण की एक कहानी बन कर रह जायेगे और वैसे ही याद किये जाएगे।
१६ तारीख को भाजपा की सरकार बननी है। आप को भी अछ्छी सीटें मिल सकती हे। केजरीवाल जी के सामने एक लब्बी परीक्षा की घडी जनता के सामने आनेवाली है। केजरीवालजी को जैसा उनका बायोडेटा है उस हिसाब से अपना आचरण दिखाना होगा अन्यथा वे योग्य होते हुए भी दुराचारियो एव भ्रष्टाचारियों के द्वारा शोषण की एक कहानी बन कर रह जायेगे और वैसे ही याद किये जाएगे।
Saturday 3 May 2014
Apropos a beautiful article ‘Dangers of hero worship’ in
today’s Telegraph, Dr. B.R Ambedkar the theorist of democracy, uttered three
warnings to dangers of sound democratic set up in our country. The
third is very relative to this general
election where Modi being a strong contender. This warning asked Indians not to
blindly and uncritically follow a particular leader. Ambedkar quoted the
liberal thinker, John Stuart Mill, who had said that the citizens of a
democracy must never “lay their liberties at the feet of even a great man, or…trust him with powers
which enable him to subvert their institutions.” Contention is -nothing wrong in being
grateful but there are limits. As has been well said by the Irish patriot
Daniel O’Connell, no man can be grateful at he cost of his honour, no woman can
at the cost of her chastity and no nation at the cost of its liberty. Indians
are more immotional for their bhakti stint
in them.
In politics this bhakti or hero worship is a sure road to degradation
and to eventual dictatorship.” The conduct of Indira Gandhi--- and her
admirers---was a paradigm case of the dangers of Bhakti in politics. It led—as
Ambedkar had warned, “to degradation and
to eventual dictatorship”, as manifest in the jailing of her political opponents
and the promulgation of the Emergency and eventually a great fall….
In his mega rallies Modi delivered resounded speeches
touching sentiments and psyche of civilians and promised dreams everywhere in
all states where he visited. This hero worship will definitely make Modi the next Prime Minister on 16th.of
May. Pray dangers of hero worship not befall.
Saturday 26 April 2014
ससार के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आज सामान्य मतदाता असमंजस ग्रस्त है। महगाई, शोषण, भृष्टाचार,आतंकबाद ने देशवासिओ की सोचने समझने की शक्ति क्षीण कर रखी है. भारत को जिस दल ने आज़ाद कराया उसने आज पिछले ६७ साल में जो दिया उससे हज़ार गुना अधिक ले लिया है। राष्ट्रीय स्वाभिमान की परिभाषा भुलवा दी है। हाल में हुए दिल्ली के मतदान में आम आदमी पार्टी ने लोगो की विशस्वता पर प्रश्न चिन्न्य लगाने को बाध्य कर दिया है। इस इलेक्शन में मोदी भाईने देश के हर प्रान्त में जाकर वहां के जनसमुदाय की प्रांतीय आवश्यकताओं व् उनकी भावुकता को पकड़ते हुए अनेक वादे किये है और आशा हे इसप्रकार वह सुस्पष्ट मत पाने में भी सक्षम होंजाए व् सरकार भी बनाऐ। हाल के एक टीवी साक्षात्कार में ऊनोने टीम भाजपा की बात की है और एक शशक्त भारत का स्वप्न सबो को दिखाया है। , , , पर पार्टी में अभी हाल यह है कि एक कोने में श्रदेय अडवानीजी पड़े है; सुषमाजी आजकल चुप कहां है पता नहीं, जसवंत जी एक तरफ आसू बहा रहे है। दीखते है तो आजकल केवल अमित शाह जी। ,,,,मोदी जी पर भी एक दाग अभी से लग गया है- वाराणसी व् वडोदरा के नामांकन के समय उनकी बताइगई दोनों संम्पत्तिओ के व्योरो में काफी बड़ी बढ़ोतरी हो गई है।
सारा देश मोदी भाई के साथ है -एक अवसर दिया है ६० महीनो का। मोदी भाई को सबो को साथ लेकर चलना होगा। राष्ट्रीय स्वभिमाँन और सुद्रढ़ सांस्कृतिक को आधार बनाना होगा। हर फैसला लेने से पहले अपनी टीम भाजपा को सुस्पस्ट मत के लिए राजी करना होगा। टीम में देश के निपुण अर्थशास्त्री, व् हर वर्ग से योग्य सलाहकारों का होना आवश्यक है जिससे देश के लिए ठीक फैसले लिए जा सके। अगर यह न हुआ तो डर है वे कहीं दूसरे केजरीवाल घोषित ना होजाए। तब क्या होगा जनता व् विरोधी दलों के आक्रोश का ,,,,,,, अंदाज नही। शायद लोग भाजपा का नाम भी लेना पसंद न करें ।
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